एक दिन मेरे पास एक शादी-सुदा लड़की आई.. और रो रो कर बतलाने लगी.... जब मैं मंदिर जाती हूँ तो मुझे सुनाई देती है कि बस तुम्हारा आखिरी बार मंदिर आना हुआ अब तुम नहीं आ पाओगे.
जब मैं घर में भगवान को दीप जलाती हूँ तो आवाज आती है.. दीप में नहीं अपने देह में आग लगा लो.
सिर्फ मैं खाना का सपना देखती हूँ.. श्राद्ध का भोजन.... कहकर फ़फ़क कर रोने लगी.
मैंने जन्म तिथि आदि की जानकारी लिया.. कुंडली बनाई तो पाया कि "मारकेश" लगा हुआ है.
बस यहीं से गड़बड़ हो रहा था.. और भी ग्रह योग गड़बड़ था सो मैंने सारे ग्रहो को ठीक करने का उपाय लिख डाले.. उपाय सामग्री पर 7 हजार खर्च गिर रहा था.. घर में पैसे नहीं थे.
जब किस्मत खराब होती है ना तो हर तरफ से दरवाज़े बंद मिलेगा.
पर उसने हिम्मत नहीं हारी.. उसे पूर्ण विश्वास था मुझपर.. सो उसने सोना गिरवी रखकर पैसे उठा लिए.. और उपाय सामग्री का पूरा मनोयोग से काम किया.
आरम्भ में तो नकारात्मक शक्ति ने पूरा जोर लगा दिया ताकि वो उपाय करना छोड़ दें.. पर मैंने यह बात पहले से ही बता दी थी.. वो मेरे सम्पर्क में बनी रही और समय समय पर सलाह लेती रही.. अमल में लाती रही.
काफ़ी मेहनत के बाद से राहत मिला.. अब वो ठीक है.
आलेख सभार :
मुकुंद
9334534189
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