नासे रोग हरे सब पीड़ा.. जो सुमिरे हनुमंत बलबीरा..!!
🌹साधक साक्षी हैं..
रोग में ग्रह के प्रभाव - 🌹ज्योतिष में.... षष्ठ भाव से रोग को देखा जाता है.
षष्ठ भाव के अतरिक्त ग्रह योग के अनुसार भी रोग का निर्धारण और उपाय देखा जाता है. अलग अलग लग्न के अलग अलग षष्ठ भाव के स्वामी ग्रह होते हैं.. तदनुसार रोग भी होते हैं.
🌹भोजन और रोग - यह शरीर कुछ खास किस्म के भोजन द्वारा पुष्ट होती है.
यह भोजन कुछ अंतराल के बाद शरीर में अतिक्रमण करने लग जाता है.. और यह शारीरिक प्रतिक्रिया के रूप में सामने आता है.. इसी को रोग कहा जाता है. इस प्रकार भोजन भी हमें बीमार करती है.
अतः सदैव संतुलित भोजन ही ग्रहण करने चाहिए.
मेरे पास अनेकों लोग आये.. जो किसी ना किसी ला इलाज रोग से ग्रसित रहे. इन्हे उपाय साधन देकर रोग से मुक्त किया.. ला इलाज बीमारी से मुक्त हुए हैं. इस बात का जीवित सबूत मेरे पास हैं.. पर उनके नाम व पता सार्वजनिक करना उचित ना होगा.
आलेख साभार :
मुकुंद नंदन
(आचार्य मुकुंद दैवज्ञ )
कॉल/व्हाट्सप्प - 9334534189
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